दिले हजीं [1] की तमन्ना दिले-हजीं [2] में रही
ये जिस ज़मीं की थी दुनिया उसी ज़मीं में रही
हिजाब [3] बन न गईं हों हक़ीक़तें [4] बाहम [5]
कि बेसबब [6] तो कशाकश [7] न कुफ़्रो-दीं [8] में रही
सरे-नियाज़ [9] न जब तक किसी के दर पे झुका
बराबर इक ख़लिश -सी [10] मिरी जबीं [11] पे रही
शब्दार्थ:
1- ↑ उदास मन की कहानी
2-↑ उदास मन
3- ↑ पर्दा
4- ↑ वास्तविकताएँ
5-↑ परस्पर
6-↑ अकारण
7-↑ खींचातानी
8-↑ धर-अधर्म
9-↑ श्रद्धापूर्ण सर
10-↑ चुभन
11-↑ माथा
ये जिस ज़मीं की थी दुनिया उसी ज़मीं में रही
हिजाब [3] बन न गईं हों हक़ीक़तें [4] बाहम [5]
कि बेसबब [6] तो कशाकश [7] न कुफ़्रो-दीं [8] में रही
सरे-नियाज़ [9] न जब तक किसी के दर पे झुका
बराबर इक ख़लिश -सी [10] मिरी जबीं [11] पे रही
शब्दार्थ:
1- ↑ उदास मन की कहानी
2-↑ उदास मन
3- ↑ पर्दा
4- ↑ वास्तविकताएँ
5-↑ परस्पर
6-↑ अकारण
7-↑ खींचातानी
8-↑ धर-अधर्म
9-↑ श्रद्धापूर्ण सर
10-↑ चुभन
11-↑ माथा
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